ऑड्स पढ़ना गाइड - संभावना गणना और कोट समझना

कैसे पढ़ें ऑड्स और समझें संभावना की गणना



⏱️ पढ़ने का समय: 8 मिनट

 

ऑड्स पढ़ना और संभावना की गणना करना सफल सट्टेबाजी की आधारशिला है। यदि आप नहीं जानते कि ऑड्स का मतलब क्या है, तो आप अंधेरे में तीर चला रहे हैं। प्रत्येक ऑड्स एक गणितीय संभावना को दर्शाता है और आपको बताता है कि आप कितना जीत सकते हैं।

इस व्यापक गाइड में हम आपको तीनों मुख्य ऑड्स फॉर्मेट्स – डेसिमल, फ्रैक्शनल और अमेरिकन – सिखाएंगे। प्रत्येक उदाहरण के साथ, आप सीखेंगे कि कैसे तुरंत संभावना कैलकुलेट करें और अपनी संभावित जीत का हिसाब लगाएं।

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ऑड्स क्या होते हैं?

ऑड्स दो मुख्य चीजें बताते हैं:

  1. संभावना (Probability): किसी इवेंट के होने की गणितीय संभावना
  2. पेआउट (Payout): जीतने पर आपको कितना पैसा मिलेगा

ऑड्स की मूल अवधारणा

सरल शब्दों में, ऑड्स यह बताते हैं कि:

  • कम ऑड्स = ज्यादा संभावना, कम जीत
  • ज्यादा ऑड्स = कम संभावना, ज्यादा जीत

“ऑड्स को समझना सट्टेबाजी में सफलता की पहली सीढ़ी है। यह गणित है, जुआ नहीं।”

— प्रोफेशनल सट्टेबाज़ का सुनहरा नियम

डेसिमल ऑड्स (Decimal Odds)

डेसिमल ऑड्स क्या हैं?

डेसिमल ऑड्स सबसे सरल और लोकप्रिय फॉर्मेट है। ये यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मुख्यतः उपयोग होते हैं।

डेसिमल ऑड्स कैसे पढ़ें

डेसिमल ऑड्स आपको टोटल रिटर्न बताते हैं (आपका स्टेक + जीत):

डेसिमल ऑड्स₹100 स्टेक पर टोटल रिटर्नटोटल प्रॉफिटसंभावना
1.50₹150₹5066.67%
2.00₹200₹10050%
3.00₹300₹20033.33%
5.00₹500₹40020%

डेसिमल ऑड्स की गणना

1. टोटल रिटर्न कैलकुलेट करना

फॉर्मूला: टोटल रिटर्न = स्टेक × डेसिमल ऑड्स

उदाहरण: ₹500 स्टेक, 2.5 ऑड्स

टोटल रिटर्न = ₹500 × 2.5 = ₹1,250

प्रॉफिट = ₹1,250 – ₹500 = ₹750

2. संभावना कैलकुलेट करना

फॉर्मूला: संभावना (%) = (1 ÷ डेसिमल ऑड्स) × 100

उदाहरण: 3.0 ऑड्स

संभावना = (1 ÷ 3.0) × 100 = 33.33%

फ्रैक्शनल ऑड्स (Fractional Odds)

फ्रैक्शनल ऑड्स क्या हैं?

फ्रैक्शनल ऑड्स मुख्यतः यूके और आयरलैंड में उपयोग होते हैं। ये भिन्न (fraction) के रूप में लिखे जाते हैं।

फ्रैक्शनल ऑड्स कैसे पढ़ें

फ्रैक्शनल ऑड्स प्रॉफिट-टू-स्टेक रेशियो दिखाते हैं:

फ्रैक्शनल ऑड्समतलब₹100 स्टेक पर प्रॉफिटडेसिमल इक्विवैलेंट
1/2हर ₹2 पर ₹1 प्रॉफिट₹501.50
1/1 (Evens)हर ₹1 पर ₹1 प्रॉफिट₹1002.00
2/1हर ₹1 पर ₹2 प्रॉफिट₹2003.00
5/1हर ₹1 पर ₹5 प्रॉफिट₹5006.00

फ्रैक्शनल ऑड्स की गणना

1. प्रॉफिट कैलकुलेट करना

फॉर्मूला: प्रॉफिट = स्टेक × (पहला नंबर ÷ दूसरा नंबर)

उदाहरण: ₹300 स्टेक, 3/1 ऑड्स

प्रॉफिट = ₹300 × (3 ÷ 1) = ₹300 × 3 = ₹900

टोटल रिटर्न = ₹300 + ₹900 = ₹1,200

2. फ्रैक्शनल को डेसिमल में बदलना

फॉर्मूला: डेसिमल = (पहला नंबर ÷ दूसरा नंबर) + 1

उदाहरण: 5/2 ऑड्स

डेसिमल = (5 ÷ 2) + 1 = 2.5 + 1 = 3.5

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अमेरिकन ऑड्स (American Odds)

अमेरिकन ऑड्स क्या हैं?

अमेरिकन ऑड्स USA में उपयोग होते हैं और + या – साइन के साथ लिखे जाते हैं।

पॉजिटिव (+) अमेरिकन ऑड्स

पॉजिटिव ऑड्स बताते हैं कि ₹100 स्टेक पर आपको कितना प्रॉफिट मिलेगा:

अमेरिकन ऑड्समतलब₹100 स्टेक पर प्रॉफिटडेसिमल इक्विवैलेंट
+100Even money₹1002.00
+1501.5 to 1₹1502.50
+2002 to 1₹2003.00
+5005 to 1₹5006.00

नेगेटिव (-) अमेरिकन ऑड्स

नेगेटिव ऑड्स बताते हैं कि ₹100 प्रॉफिट के लिए आपको कितना स्टेक करना होगा:

अमेरिकन ऑड्समतलब₹100 प्रॉफिट के लिए स्टेकडेसिमल इक्विवैलेंट
-100Even money₹1002.00
-150Heavy favorite₹1501.67
-200Strong favorite₹2001.50
-500Overwhelming favorite₹5001.20

अमेरिकन ऑड्स की गणना

1. पॉजिटिव ऑड्स से प्रॉफिट

फॉर्मूला: प्रॉफिट = स्टेक × (ऑड्स ÷ 100)

उदाहरण: ₹500 स्टेक, +250 ऑड्स

प्रॉफिट = ₹500 × (250 ÷ 100) = ₹500 × 2.5 = ₹1,250

2. नेगेटिव ऑड्स से प्रॉफिट

फॉर्मूला: प्रॉफिट = स्टेक × (100 ÷ ऑड्स का एब्सोल्यूट वैल्यू)

उदाहरण: ₹600 स्टेक, -300 ऑड्स

प्रॉफिट = ₹600 × (100 ÷ 300) = ₹600 × 0.333 = ₹200

इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी (Implied Probability)

इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी क्या है?

इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी वह संभावना है जो ऑड्स में छुपी होती है। यह बुकमेकर के अनुसार किसी इवेंट के होने की गणितीय संभावना है।

विभिन्न ऑड्स फॉर्मेट्स से प्रोबेबिलिटी

1. डेसिमल ऑड्स से

फॉर्मूला: प्रोबेबिलिटी (%) = (1 ÷ डेसिमल ऑड्स) × 100

उदाहरण: 2.5 ऑड्स

प्रोबेबिलिटी = (1 ÷ 2.5) × 100 = 40%

2. फ्रैक्शनल ऑड्स से

फॉर्मूला: प्रोबेबिलिटी (%) = (दूसरा नंबर ÷ (पहला नंबर + दूसरा नंबर)) × 100

उदाहरण: 3/1 ऑड्स

प्रोबेबिलिटी = (1 ÷ (3 + 1)) × 100 = (1 ÷ 4) × 100 = 25%

3. अमेरिकन ऑड्स से

पॉजिटिव ऑड्स: प्रोबेबिलिटी (%) = (100 ÷ (ऑड्स + 100)) × 100

नेगेटिव ऑड्स: प्रोबेबिलिटी (%) = (ऑड्स का एब्सोल्यूट वैल्यू ÷ (ऑड्स का एब्सोल्यूट वैल्यू + 100)) × 100

वैल्यू बेटिंग और ऑड्स कम्पेरिजन

वैल्यू बेट कैसे खोजें?

वैल्यू बेटिंग का मतलब है ऐसे ऑड्स खोजना जो वास्तविक संभावना से अधिक हों:

वैल्यू बेट का उदाहरण

स्थिति: आपका अनुमान है कि टीम A के जीतने की संभावना 60% है

  • बुकमेकर 1: 1.80 ऑड्स (इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी = 55.6%) ✅ वैल्यू बेट
  • बुकमेकर 2: 1.50 ऑड्स (इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी = 66.7%) ❌ नो वैल्यू

पहले बुकमेकर के पास वैल्यू है क्योंकि ऑड्स वास्तविक संभावना से कम estimate करते हैं।

ऑड्स कम्पेरिजन की महत्वता

अलग-अलग बुकमेकर्स के ऑड्स अलग होते हैं:

बुकमेकरटीम A (जीत)टीम B (जीत)ड्रॉ
बुकमेकर 12.103.403.20
बुकमेकर 22.053.603.10
बुकमेकर 32.153.503.25

सबसे अच्छे ऑड्स: टीम A (2.15), टीम B (3.60), ड्रॉ (3.25)

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बुकमेकर मार्जिन और ओवरराउंड

बुकमेकर मार्जिन क्या है?

बुकमेकर मार्जिन (या विग/जूस) वह प्रॉफिट है जो बुकमेकर हर मार्केट से कमाता है। यह सभी आउटकम्स की इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी को जोड़कर पता चलता है।

मार्जिन कैलकुलेशन का उदाहरण

फुटबॉल मैच के ऑड्स:

  • टीम A जीत: 2.00 (इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी = 50%)
  • ड्रॉ: 3.50 (इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी = 28.57%)
  • टीम B जीत: 4.00 (इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी = 25%)

टोटल इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी: 50% + 28.57% + 25% = 103.57%

बुकमेकर मार्जिन: 103.57% – 100% = 3.57%

कम मार्जिन के फायदे

  • बेहतर ऑड्स: अधिक पेआउट
  • ज्यादा वैल्यू: प्रॉफिटेबल बेट्स के अधिक अवसर
  • लॉन्ग-टर्म फायदा: समय के साथ अधिक लाभ

पेआउट कैलकुलेशन के प्रैक्टिकल उदाहरण

सिंगल बेट उदाहरण

स्थिति: आप ₹1,000 लगाते हैं 2.75 डेसिमल ऑड्स पर

  • टोटल रिटर्न: ₹1,000 × 2.75 = ₹2,750
  • प्रॉफिट: ₹2,750 – ₹1,000 = ₹1,750
  • ROI: (₹1,750 ÷ ₹1,000) × 100 = 175%

मल्टीपल बेट उदाहरण

स्थिति: तीन सेलेक्शन्स का कॉम्बिनेशन बेट

  • बेट 1: 1.80 ऑड्स
  • बेट 2: 2.20 ऑड्स
  • बेट 3: 1.50 ऑड्स
  • स्टेक: ₹500

कॉम्बाइंड ऑड्स: 1.80 × 2.20 × 1.50 = 5.94

संभावित रिटर्न: ₹500 × 5.94 = ₹2,970

संभावित प्रॉफिट: ₹2,970 – ₹500 = ₹2,470

ऑड्स फॉर्मेट कन्वर्जन चार्ट

डेसिमलफ्रैक्शनलअमेरिकनइंप्लाइड प्रोबेबिलिटी
1.101/10-100090.91%
1.251/4-40080%
1.501/2-20066.67%
2.001/1+10050%
3.002/1+20033.33%
5.004/1+40020%
11.0010/1+10009.09%

आम गलतियां और उनसे बचाव

1. गलत कैलकुलेशन

सामान्य गणना की गलतियां:

  • फ्रैक्शनल ऑड्स में कन्फ्यूजन: 2/1 को 1/2 समझना
  • अमेरिकन ऑड्स में साइन इग्नोर करना: +200 और -200 को समान समझना
  • स्टेक को टोटल रिटर्न में शामिल न करना

2. इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी को नज़रअंदाज़ करना

कई सट्टेबाज़ केवल पेआउट देखते हैं, संभावना नहीं:

  • हमेशा इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी कैलकुलेट करें
  • अपना अनुमान बुकमेकर के अनुमान से कंपेयर करें
  • केवल वैल्यू बेट्स पर फोकस करें

3. ऑड्स कम्पेरिजन न करना

एक ही बुकमेकर का उपयोग करना:

  • हमेशा कम से कम 3-4 बुकमेकर्स के ऑड्स चेक करें
  • ऑड्स कम्पेरिजन वेबसाइट्स का उपयोग करें
  • लाइव ऑड्स चेंजेस को ट्रैक करें

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

कौन सा ऑड्स फॉर्मेट सबसे अच्छा है?

डेसिमल ऑड्स सबसे सरल हैं क्योंकि इनमें कैलकुलेशन आसान है। नए सट्टेबाज़ों के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प है। फ्रैक्शनल ऑड्स पारंपरिक हैं लेकिन जटिल। अमेरिकन ऑड्स USA में लोकप्रिय हैं।

इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी हमेशा 100% से ज्यादा क्यों होती है?

क्योंकि बुकमेकर अपना मार्जिन (कमीशन) ऑड्स में शामिल करते हैं। यदि सभी आउटकम्स की प्रोबेबिलिटी का योग 100% होता, तो बुकमेकर का कोई फायदा नहीं होता। 3-7% का मार्जिन सामान्य है।

ऑड्स कैसे बदलते रहते हैं?

ऑड्स बेटिंग वॉल्यूम, टीम न्यूज़, इंजरी रिपोर्ट्स और मार्केट सेंटिमेंट के आधार पर बदलते हैं। बुकमेकर्स अपना रिस्क बैलेंस करने के लिए ऑड्स एडजस्ट करते रहते हैं।

क्या ऑड्स भविष्यवाणी की गारंटी हैं?

नहीं, ऑड्स केवल संभावना दर्शाते हैं, गारंटी नहीं। कम ऑड्स वाली टीम भी हार सकती है। ऑड्स बुकमेकर का मत हैं, निश्चित परिणाम नहीं।

वैल्यू बेट कैसे पहचानें?

वैल्यू बेट वह है जहां आपका अनुमान बुकमेकर के अनुमान से अलग है। यदि आपको लगता है कि किसी टीम के जीतने की संभावना ऑड्स से अधिक है, तो वह वैल्यू बेट है। इसके लिए खेल की गहरी समझ जरूरी है।

निष्कर्ष

ऑड्स पढ़ना और संभावना की गणना करना सफल सट्टेबाजी की नींव है। डेसिमल, फ्रैक्शनल और अमेरिकन – तीनों फॉर्मेट्स को समझकर आप किसी भी बुकमेकर के साथ कॉन्फिडेंस से डील कर सकते हैं।

याद रखें कि ऑड्स केवल नंबर्स नहीं हैं – वे गणितीय संभावनाओं और वैल्यू के अवसरों को दर्शाते हैं। इंप्लाइड प्रोबेबिलिटी की गणना करना, वैल्यू बेट्स खोजना और ऑड्स कम्पेरिजन करना आपको लॉन्ग-टर्म में फायदा दिला सकता है।

अब जब आप ऑड्स की भाषा समझ गए हैं, तो अन्य महत्वपूर्ण अवधारणाओं को भी सीखें और एक कुशल सट्टेबाज़ बनने की यात्रा जारी रखें।

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अंतिम अपडेट: 27 जून, 2025

 

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